स्वच्छंदी....
शब्द माझे अर्थ तो ,भाव माझे गान तो नित्य माझ्या अस्तित्वाचे अदृश्य भान तो...
Tuesday, July 10, 2012
हवाओंसे हमने पूछा
यह संदेस किसका है?
कम्बख्त सिर्फ बहारे बन गई
और बारिशे होने लगी
.
.
.
.
.
.हलके हलके गुफ्तगूसी!
-पल्लवी
८/७/२०१२
2 comments:
प्रियांका विकास उज्वला फडणीस
July 16, 2012 at 1:48 AM
wah!
jamalay :)
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Pallavi Sawant
July 16, 2012 at 6:26 AM
:)
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wah!
ReplyDeletejamalay :)
:)
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